Sanskrit: प्राचीन कालस्य महत्वपूर्णं पुस्तकानि

प्राचीन कालस्य महत्वपूर्णं पुस्तकानि  🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚 1-अस्टाध्यायी               पांणिनी 2-रामायण                    वाल्मीकि 3-महाभारत                  वेदव्यास 4-अर्थशास्त्र                  चाणक्य 5-महाभाष्य                  पतंजलि 6-सत्सहसारिका सूत्र      नागार्जुन 7-बुद्धचरित                  अश्वघोष 8-सौंदरानन्द                 अश्वघोष 9-महाविभाषाशास्त्र        वसुमित्र 10- स्वप्नवासवदत्ता        भास 11-कामसूत्र                  वात्स्यायन 12-कुमारसंभवम्           कालिदास 13-अभिज्ञानशकुंतलम्    कालिदास  14-विक्रमोउर्वशियां        कालिदास 15-मेघदूत                    कालिदास 16-रघुवंशम्                  कालिदास 17-मालविकाग्निमित्रम्   कालिदास 18-नाट्यशास्त्र              भरतमुनि 19-देवीचंद्रगुप्तम          विशाखदत्त 20-मृच्छकटिकम्          शूद्रक 21-सूर्य सिद्धान्त           आर्यभट्ट 22-वृहतसिंता               बरामिहिर 23-पंचतंत्र।                  विष्णु शर्मा 24-कथासरित्सागर        सोमदेव 25-अभिधम्मकोश         वसुबन्धु 26-मुद्राराक्षस           

कथा अकबरस्य, बिरबलस्य च

कथा

अकबरस्य, बिरबलस्य च 


आसीत् अकबरः इति प्रसिद्धः राजा | तस्य आस्थानकः चतुरः 

बीरबलः | एकदा राजा बीरबलं पृच्छति | देवः सर्वत्र अस्ति इति 
भवान् वदति | सः देवः भक्तान् रक्षितुं भूतलं किमर्थम् आगच्छति 
| देवं परितः बहवः सेवकाः सन्ति | तान् सेवकान् किं न प्रेषयति 
 इति | बीरबलः किमपि न भणति | कानिचन दिनानि अतीतानि


 | एकदा प्रातः राजा अकबरः बीरबलेन सह उद्यानं गच्छति | 

 तम् उभयतः अङ्गरक्षकाः अपि सन्ति | राजा अन्यैः जनैः साकं 

जलाशयं प्राप्नोति | जलाशयस्य समीपे अकबरस्य पुत्रः कन्दुकेन 

 खेलति | पुत्रः जलाशये पतति | अकबरः पुत्रं रक्षितुं स्वयं जले. 
निपतति | रक्षितं राजपुत्रं दृष्ट्वा बीरबलः वदति | हे महाराज 

एतदेव देवस्य अवतरणस्य कारणम् | भवान् पुत्ररक्षणं सेवकैः न 

 कारयति किन्तु स्वयमेव करोति | तथैव देवः अपि स्वभक्तान्

त्रातुं स्वयमेव अवतरति | तत् वचनं श्रुत्वा राजा अकबरः प्रसन्नः 

बीरबलं पारितोषकेण संमानयति |😄😁👏🏻

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